हेलो दोस्तों आप सभी का स्वागत है दोस्तों क्या आपको पता है की Crocodile Park In Chhattisgarh : 400 से ज्यादा मगरमच्छ, बेहद खूबसूरत है ये पार्क जानिए क्यों, मगरमच्छ के कारण यह छत्तीसगढ़ का दूसरा और बिलासपुर संभाग का पहले सबसे बड़ा क्रोकोडाइल पार्क है। साथ ही यहां पुरातन अवशेष भी प्राप्त हुए हैं जिसके कारण प्रतिवर्ष 40 से 50 हजार पर्यटक घूमने आते हैं।
Crocodile Park In chhattisgarh इस पार्क को ज्यादातर लोग इसे crocodile park akaltara के नाम से जानते हैं, क्योंकी अकलतरा से क्रोकोडाइल पार्क की दूरी 10 किलोमीटर है जिससे लोगों के लिए आसान हो जाता है यहां तक पहुंचाना। क्रोकोडाइल पार्क 23 अगस्त 2008 में बना। साल 2005 में जब गांव के तालाबों में क्रोकोडाइल के हमलों से कई जानें जाने लगी, तब सरकार का ध्यान इनसे से बचाव के लिए आकृष्ट किया गया।
Crocodile Park In Chhattisgarh : कोटमी सोनार क्रोकोडाइल पार्क के बारे में
Crocodile Park In Chhattisgarh के जांजगीर-चांपा जिले के तहसील अकलतरा में कोटमी सोनार नामक एक छोटे से गाँव में स्थित है। यह कोटमी सोनार गांव एक समय पहले सोनारों का गांव हुआ करता था। जिसके कारण यहां उनके पुराने अवशेष भी प्राप्त हुए हैं। यह स्थान आपको बिलासपुर से 33 किलोमीटर की दूरी पर देखने को मिल जाता है और यह जांजगीर चांपा जिले से मात्र 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
Crocodile Park In Chhattisgarh में मगरमच्छ बहुत पहले से रहते हुए आ रहे हैं लेकिन एक घटना के बाद इस जगह को मगरमच्छ संरक्षण केंद्र बनाया गया। जिसके कारण कोटमी सोनार गांव प्रसिद्ध हुआ और यहां देश-विदेश से प्रतिवर्ष 40 से 50 हजार पर्यटक घूमने आते हैं।
Kotmi Sonar Crocodile park
Crocodile Park In Chhattisgarh इस पार्क का पूरा नाम कोटमी सोनार क्रोकोडाइल पार्क है इस पार्क का निर्माण 6 में 2006 में हुआ है जिसे श्री डॉ रमन सिंह द्वारा शिलान्यास किया गया था। यह कोटमी क्रोकोडाइल पार्क 200 एकड़ की जमीन पर है जिसमें 85 एकड़ जमीन पर जलाशय उपलब्ध है, वहीं पर 200 से अधिक मगरमच्छ सुरक्षित है। यहां पर्यटकों की सुरक्षा के लिए जलाशय से 10 फीट की दूरी पर डबल लेयर की मोटी जाली लगाई गई है और साथ ही वॉच टावर भी बनाया गया है जिसे यहां आने वाले लोग मगरमच्छ को देख सके।
मादा मगरमच्छ औसतन 30 से 40 अंडे देतीं हैं
मगरमच्छ का प्रजनन काल मई से जून के बीच होता है। मादा मगरमच्छ 30 से 40 अंडे देती हैं, लेकिन इनमें से केवल 8 से 10 बच्चे ही पूर्ण विकसित हो पाते हैं। इसमें से भी आधे से अधिक नर मगरमच्छ के शिकार हो जाते हैं। मादा मगरमच्छ अपने अंडे को मिट्टी या रेत के बने टीलों में लगभग 3 से 5 फीट की गहराई तक गाड़कर दिन रात उसकी रखवाली करती हैं। अंडे से जून माह में ही बच्चे निकलते हैं। निकलने वाले बच्चों की अनुमानित लंबाई लगभग 6 इंच तक होती है।
इस पार्क का निर्माण के पीछे की कहानी यह है कि पहले मगरमच्छ इस तालाब में रहते थे, लेकिन यहां रहने वाले लोग भी इस तालाब में स्नान करते थे और अपने मवेशियों को भी धोया करते थे। उस समय मगरमच्छ द्वारा किसी को भी नुकसान नहीं होता था, यहां सब सप्रेम रहते थे। लेकिन सन 2005 में इसी तालाब में एक छोटी सी बच्ची को मगरमच्छ ने अपना शिकार बना लिया, जिसके कारण लोगों के मन में मगरमच्छ के प्रति डर का भाव उत्पन्न हो गया।
मगरमच्छ को मानते हैं देवता
इस गांव के लोग मगरमच्छ को देवता मानते हैं। पुरातन काल से ग्रामीण गांव में मगरमच्छों की पूजा करते आ रहे हैं। इंसान और मगरमच्छ इस गांव में एक साथ रहते आए हैं। लेकिन एक घटना ने लोगों का नजरिया बदला। फिर भी इस गांव को इन्हीं मगरमच्छों ने विदेशों तक पहचान दिलाई है।
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यह लोकप्रिय पर्यटन स्थल क्यों है?
पहला कारण – पहले यह सोनारो का गांव हुआ करता था, जिसके कारण पुरातत्व विभाग को यहां कई सिक्कों से भरे मटके और जेवरात मिले। कहते हैं कि यह गांव एक किलेनुमा आकार का हुआ करता था और यहां रहने वाले लोग बहुत अमीर हुआ करते थे।
दूसरा कारण – यहां मगरमच्छ पहले से ही रहते हुए आ रहे हैं तथा यहां निवास करने वाले लोग भी तालाब में मगरमच्छ होने के बावजूद वहां स्नान करते थे साथ ही अपने मवेशियों को भी धोया करते थे। लेकिन 2005 में एक छोटी सी बच्ची के साथ घटना होने के बाद सरकार द्वारा उस तालाब को मगरमच्छ संरक्षण केंद्र बना दिया गया। जिसके कारण यह प्रसिद्ध हुआ और लोग दूर-दूर से इसे देखने के लिए आने लगे।
पार्क में जाने के लिए सबसे अच्छा समय कब होता है
वैसे तो आपको यहां मगरमच्छ हर समय देखने को मिल जाएँगे, लेकिन अच्छा समय मैंने आपको नीचे बताया है –
- मई से जून के माह में आपको मगरमच्छ के छोटे-छोटे बच्चे देखने को मिल जाएंगे।
- बरसात के दिनों में भी आप यहां बहुत सारे मगरमच्छ देख सकते हैं।
- शाम के 4:00 बजे के बाद मगरमच्छ को खाना खिलाया जाता है इस समय आप मगरमच्छ देख सकते हैं।
निष्कर्ष
दोस्तों आप छत्तीसगढ़ के रहने वाले है या फिर आप इस जिले के आसपास के रहने वाले व्यक्ति हो तो आपको Crocodile Park In Chhattisgarh Crocodile Park In Chhattisgarh : 400 से ज्यादा मगरमच्छ, बेहद खूबसूरत है ये पार्क जानिए क्यों यह आप अपने दोस्त या परिवार के साथ एक बार जरूर जाना चाहिए, क्यों की पार्क आपको 200 एकड़ जमीन पर मगरमच्छ के लिए बनाया गया संरक्षण केंद्र देखने को मिल जाएगा और यह एक अभ्यारण भी है |
जहां आपको पार्क में सुंदर-सुंदर चित्रकला और मगरमच्छ की मूर्ति देखने को मिल जाएगी। दोस्तों मै उम्मीद करती हु की आप को इस लेख में जरिये पूरी जानकारी मिल गई होगी |दोस्तों ऐसी छत्तीसगढ़ में घूमने की जगह के बारे में जाने के लिए हमारे वेबसाइट chhattisgarhtouristplaces.com से जुड़े रहे | धन्यवाद….
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